Thursday, August 3, 2017

संकल्प शक्ति- सुपर चेतन मन -विज्ञान

संकल्प शक्ति- सुपर चेतन मन -विज्ञान
मानवमस्तिष्क इतनी विलक्षणताओं का केंद्र है जिसके आगे वर्तमान में अविष्कृत हुए समस्त मानवकृत उपकरण एवं यंत्रों का एकत्रीकरण  भी हल्का पड़ेगा. अभी तक मस्तिष्क के 1/10 भाग की ही जानकारी मिल सकी है9 /10 भाग अभी तक शरीर शास्त्रियों   और वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है. मस्तिष्क के इस  9/10 भाग में असीमित क्षमताएं भरी पड़ी हैं.

मस्तिष्क में अगणित चुम्बकीय केंद्र हैं जो विविध-विधि रिसीवरों   और ट्रांसफ़ॉर्मरों का कार्य सम्पादित करती हैं. मानव मस्तिष्क में असीमित रहस्यात्मक असीम शक्ति हैं जिसके विषय में हमें हलकी-फुलकी सतहीय सत्तर की जानकारी हैं. योग साधना का एक उदेश्य इस चेतना विद्युत -शक्ति का अभिवर्धन करना भी है. इसे मनोबल, प्राणशक्ति और आत्मबल भी कहते हैं. संकल्प शक्ति और इच्छा शक्ति के रूप में इसके चमत्कार देखे जा सके हैं.

मनोविज्ञान के समूचे खजाने में दो चीजें भरी हैं सूत्रFormula ]  और तकनीक [Technique ] . सूत्रों में स्थिति  का विवेचन होने के साथ तकनीकों के संकेत भी हैं.तकनीकों द्वारा स्थिति  को ठीक करने के प्रयास किये जातें हैं.

संकल्प शक्ति

संकल्प शक्ति मस्तिष्क के वे हाई momentum वाले विचार हैं जिनकी गति अत्यंत तीब्र और प्रभाव अति गहन होतें  हैं और अत्यंत शक्तिशाली होने के कारण उनके  परिणाम भी शीघ्रः प्राप्त होतें  है.

मन के तीन भाग या परतें

भावनाविचारणा और व्यवहार मानवीय व्यक्तितिव के तीन पक्ष हैं उनके अनुसार मन को भीतीन परतों में विभक्त किया जा सकता है :

 भौतिक जानकारी संग्रह करने वाले चेतन – मस्तिष्क  [Conscious– Mind ]  और ऑटोनोमस नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाले अचेतन – मस्तिष्क  [Sub– Conscious – Mind] अभी अभी विज्ञान की परिधि  में आयें हैं. पर अब अतीन्द्रियमस्तिष्क [SuperConscious Mind] का अस्तित्व भी स्वीकारा जाता हैं .

हुना [Huna]

हुना [Huna]  का अर्थ हवाई द्वीप  [ Phillippines ] में गुप्त या सीक्रेट  है. शरीर , मन और आत्मा के एकीकरण पर आधारित हुना -तकनीक लगभग 2000 वर्ष पुरानी परामानोविज्ञानिक रहस्यवादी स्कूल हैं. इस गूढ़ और गुप्त तकनीक के प्रयोग से एक साधारण मनुष्य अपनी संकल्प शक्ति द्वारा अपने अन्तराल में प्रसुप्त पड़ी क्षमताओं को जगा कर और विशाल ब्रह्माण्ड में उपस्थित शक्तिशाली चेतन तत्त्वों को खीचकर अपने में धरण कर अपने आत्मबल को इतना जागृत कर सकता हैं की वह अपने व्यक्तिगत और सामाजिक परिस्थितिओं  में मनचाहा परिवर्तन ला सके .

हुना के अनुसार मन की तीन परतें

Llower Self [Unconsious– Mind]—– यह Rib-Cage  में स्थित है.
Middle –Self [Consious –Mind] ——यह भ्रूमध्य में पीनल ग्लैंड में स्थित है.
Higher Self [SuperConsiousMind] ——-यह सर से लगभग 5 फीट की उच्चाई पर स्थित है.


Lower Self : यह हमारा अचेतन मन है.समस्त अनुभवों और भावनाओं का केंद्र हैMiddle Selfद्वारा इसे निर्देश और आदेश देकर कार्य करवाया जा सकता है. समस्त जटिल गिल्टकोम्प्लेक्सेस , तरहतरह की आदतें, आस्थाएं, सदेव Lower Self में संचित रहतें हैं.   Lower Self स्वयं  कोई भी तार्किक या बुद्धि पूर्ण  निर्णय लेने में पूर्ण रूप से असमर्थ है.

Middle Self : यह हमारा चेतन मन है जिससे हम सोच-विचार करते हैं और निर्णय लेते हैं. यह हमारे बुद्धि के स्तर को दर्शाता है.

Higher– Self : मानव मस्तिष्क का वह भानुमती का पिटारा है जिसमें अद्भुत और आश्चर्य जनक क्षमताएं भरी पड़ी हैं, , जिन्हें अगर जीवंत-जागृत कर लिया जाए तो मनुष्य दीन -हीन स्थिति  में रह कर अनंत क्षमताओं   को अर्जित कर सकता है. Higher-Self में किसी भी समस्या या परिस्थिति का समाधान करने की असाधारण क्षमता है. यह तभी संभव हो पाता है जब हम उससे मदद मांगें. Higher – Self कभी भी मानव के साधारण क्रिया-कलापों में दखलांदाजी  नहीं करा है जब तक विशेष रूप से उससे मदद मांगी जाये.

 हुना द्वीप वासी किसी देवी-देवता की जगह अपने कार्यों या प्रयोजनों  की सिद्धि के लिए अपने   Higher – Self पर  पूर्ण रूप से आश्रित होतें हैं और उसीसे से ही प्रार्थना करते हैं.

                              
Aka – Chord  

यह अदृश्य चमकीलीचाँदी की ओप्टिकल फाइबर के समान  कॉर्ड  या वायर है जो Lower Self को Higher – Self  से और  Middle – Self  को Lower Self से जोडती हैHigher Self और Middle Self प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए नहीं होते हैं.

प्राण

प्राण ही वह तत्व हैं जिसके माध्यम से Higher Self हमरे अभीष्ट लक्ष्य की पूर्ति करता है. प्राण तत्व की अधिकता गहरी साँस द्वारा संभव है. चेतन मस्तिष्क या MiddleSelf  द्वारा प्राण तत्व वायु द्वारा ग्रहण किया जाता है. फिर इस प्राणतत्व को LowerSelf  अत्यंत उच्च विद्युतवोल्टेज़  में परिवर्तित कर देता है पुनः इस हाईवोल्टेज़ का प्रयोग हमारा Higher– Self  अभीष्ट  की  लक्ष्य प्राप्ति के लिए करता है.

संकल्प ध्यान की Technique

1. सुख आसन या  सुविधजनक जनक स्थिति में बैठ   जायें.  अपनी आंखें बंद करे, धीमें और गहरी 10सांसें लें और प्रत्येक  साँस के साथ  प्राण शक्ति को अपने अन्दर जाता महसूस करे.
2. अब ग्रहण किये प्राण शक्ति को अपने सोलर प्लेक्सस    [Rib Cage] में एक चमकीली हाई वोल्टेज सिल्वर गेंद के रूप में Visualize  करें.
3. अब उस गेंद से अत्यंत तीब्र सिल्वर सफ़ेद प्रकाश निकलता देखें जिसे एक सक्रीय ज्वालामुखी से लावा निकलता है , या जैसे दिवाली के अवसर पर जलाये जाने वाले आतिशबाजी  आनार से तीब्र गामी प्रकाश निकलता है.
4. सफ़ेद प्रकाश  को अपने सिर  से 5 फीट की ऊंचाई   तक जाता देखें .
5. अब इस सफ़ेद प्रकाश को सर की ऊपर एक चमकीले सिल्वर रंग के विशाल गोले  का रूप धरते देखें .
6. इस गोले में अपनी लक्ष्य  की विस्तृत और इच्क्षित  पूर्ति देखे. आप का लक्ष्य एकदम सपष्ट और निश्चित होना चाहिए.
7. अपने इच्क्षित लक्ष्य की अत्यंत बारीक़ और विस्तृत पूर्ति देखें.
8. उस सफ़ेद गोले में अपने लक्ष्य को पूरा हुआ देखें और विश्वाश करे की आप का वह कार्य पूर्ण रूपेण , सफलता  पूर्वक  सम्पादित हो चूका है.
9. मन में संकल्प करे की आपका वह इच्क्षित  कार्य पूरा हो चूका है.
10. प्रक्रिया के अंत में अपने HigherSelf को अपने संकल्प की पूर्ति के लिए धन्यवाद कहें.
11. प्रतिदिन यह प्रक्रिया करें , जब तक आप का वह इच्क्षित कार्य पूर्ण  नहीं हो जाता है.
12. अपने Higher – Self पर विश्वाश करे जो आप के अन्दर ईश्वर के D.N.A.  का प्रतिनिधितित्व करता है. वह आपको कभी धोखा नहीं देगा.

अतीन्द्रिय विज्ञान और गूढ़ -विज्ञान में ऐसी संभावनाएं हैं जो मानवीय कष्टों को मिटा कर , किसी भी मानव की  वर्तमान क्षमता में अधिक वृद्धि कर उसे  अधिक सुखी और सफल बना सके. इसके लिए हमें अपना मस्तिष्क खुला रखना चाहिएबिना अंध-विश्वास और अविश्वासी बने तथ्यों का अन्वेषण करना चाहिए.

उपेक्षित और लुप्त प्रायः  आत्म-विज्ञान को यदि अन्वेषण और प्रयोगों का क्षेत्र मान कर  उसके लिए भौतिक-विज्ञानियों जैसी तत्परता बरती जाय तो अगले दिनों ऐसे अनेक उपयोगी रहस्य  उद्घाटित हो सकते  हैं , जो भौतिक अविष्कारों से भी अधिक उपयोगी सिद्ध होंगें.


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