Thursday, May 16, 2019

TYPICAL YOGASANA

तुलासन योग – शरीर को संतुलित बनाने में मददगार

योग सेहत को कई सारे लाभ पहुचाता है| इसके फायदों को देखते हुए आज सारा विश्व इसे कर रहा है| इसकी खासियत यह है की यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक लाभ भी देता है| अभी तक हम योग के कई आसनों के बारे में बात कर चुके है| हर आसन का अपना अलग महत्व और लाभ है| आज हम आपको तुलासन के बारे में बता रहे है|
हम इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते है की तुलासन का नाम तुला अर्थात तराजू से लिया गया है| इस आसन को करते वक्त हमारे शरीर की मुद्रा तराजू की तरह दिखती है| इसलिए इसे तुलासन नाम दिया गया है|
जब इस मुद्रा का अभ्यास किया जाता है तब शरीर का पूरा भर दोनों बाजुओ पर संतुलित रहता है| इसलिए इसे करने से शरीर में भी संतुलन बना रहता है साथ ही साथ बाजुएं भी मजबूत होती है| आइये विस्तृत रूप से जानते है Tulasana Yoga in Hindi.

Tulasana Yoga in Hindi: जानिए इसकी विधि, लाभ और सावधानिया

Tulasana Yoga in Hindi
तुलासन को Balance Pose और Dolasana के नाम से भी जाना जाता है| यह आपके हाथ, कंधे, पेट, पीठ, कूल्हे, कलाई आदि को मजबूत बनाता है| यह आसन करने में बहुत मुश्किल है| लेकिन जब आप इसका लगातार अभ्यास करते है तो धीरे धीरे आप इसे करने में सक्षम हो जाते है|

Tulasana Benefits: तुलासन के लाभ

  1. इसके नियमित अभ्यास से आपकी बाजुएं, हथेलियां और कलाई सब मजबूत हो जाती है|
  2. तुलासन का अभ्यास पेट की चर्बी कम करने में भी सहायक है| यह एक अच्छा Yoga to Reduce Belly Fat है|
  3. यह आपके शरीर में संतुलन बनाता है|
  4. यह घुटनों के दर्द को दूर करने में भी मददगार है|
  5. इससे आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, जिन लोगो को कब्ज की समस्या होती है उन्हें इस आसन को जरुर करना चाहिए|
  6. यह रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाता है, इससे शरीर की मांशपेशियां लचकदार होती है|
  7. यह तनाव से मुक्ति दिलाता है और इससे मन शांत रहता है
  8. यदि किसी वजह से आपके पैर में सूजन, जकड़न या फिर हल्का दर्द रहता है तो आपको इस आसन को करने से आराम मिलता है|
Tulasana Steps: तुलासन की विधि
  • तुलासन का अभ्यास करने के लिए किसी शांत वातावरण में चटाई या दरी बिछा कर बैठ जाएं|
  • इसके बाद अपने हाथो को कुलहो के पास रखे| इसे करते वक्त आपकी उंगलिया फैली हुई होना चाहिए|
  • इसके पश्चात श्वास को अंदर भरते हुए, बाजुओ के सहारे अपने पुरे शरीर को जमीन से ऊपर की और उठाएं|
  • आप जितना ऊपर अपने शरीर को उठा सकते है उतना ऊपर उठाना है| फिर आराम पूर्वक इस स्थिति में रुक जाये|
  • इसके पश्चात धीरे धीरे श्वास को बाहर छोड़ते हुए पहले की अवस्था में वापस आ जाएं|
  • यह आसन करने में मुश्किल है इसलिए इस आसन को अपनी शरीर की क्षमता और अपनी सुविधा के अनुसार 4 से 5 बार करे|
  • यदि आप योग के लिए नए है तो इसका अभ्यास योग गुरु के देख रेख में ही करे|
तुलासन से पहले किया जाने वाला आसन: कमल मुद्रा, बंध कोणासन, वीरासन, अर्धमत्स्येंद्रासन योग आसन, गरुडासन
तुलासन से बाद किया जाने वाला आसन: कुक्कुटासन

Kukkutasana Yoga: छाती और कंधों को मजबूत बनाये, शरीर में संतुलन लाये
हर व्यक्ति की चाहत होती है की स्वस्थ रहने के साथ साथ उसका शरीर भी आकर्षक दिखे। और समय के अभाव के चलते वह चाहता है की किसी एक चीज को करने से यह प्राप्त हो जाए। और किसी चीज़ से अगर यह मुमकिन है तो वो है योग से|
योग एक ऐसी कला है जो आपको स्वस्थ रखने के साथ साथ आपके शरीर को टोंड करने में भी सहायक है। स्वस्थ और फिट बॉडी के लिए कुक्कुटासन एक अच्छा आसन है|
अन्य योग मुद्राओं की तरह यह योगासन भी स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपको कई तरह की समस्याओं से निजात दिलाता है। इस आसान को करने से बांह, कोहनी और कंधे को लाभ मिलता है।
शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिए भी यह एक अच्छा आसन होता है। साथ ही यह शरीर को मजबूत भी बनाता है। आइये आज के लेख में Kukkutasana Yoga के बारे में जानते है| ध्यान रहे जब आप इस आसान को करे तो आपका पेट खाली होना चाहिए।

Kukkutasana Yoga: जानें इसकी विधि, लाभ और सावधानी

Kukkutasana Yoga
कुक्कुटासन अर्थात कुक्कुट यानी मुर्गा होता है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति मुर्गे के सामान हो जाती है। इसी कारण इसे कुक्कुटासन कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे Cock Pose कहा जाता है|

कुक्कुटासन करने की विधि:-

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पद्मासन की स्थित में बैठ जाएँ।
  • इसके बाद दायां हाथ दाईं जांघ पर और दाईं पिंडली के बीच ले जाएं साथ ही बायां हाथ बाईं जांघ एवं बाईं पिंडली के बीच ले जाएं।
  • इतना करने के बाद हाथों को नीचे कोहनियों तक ले जाएं।
  • अपनी हथेलियों को मजबूती के साथ जमीन पर जमाएं।
  • ध्यान रखे की हथेलियों के मध्य 3-4 इंच की दूरी हो।
  • अब सांस लेते हुए शरीर को जमीन से यथासंभव हवा में उठाएं।
  • इसके बाद शरीर के भार को हथेलियों पर टिकाएं।
  • अपने सिर को सीधा रखें तथा आँखों को सामने की ओर स्थिर रखे|
  • इसके बाद धीरे धीरे सांस लें और छोड़े।
  • अब जहां तक संभव हो सके इसी स्थिति को बनाये रखे।
  • फिर लम्बी सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपनी पहली स्थिति में आएं।
  • इस तरह एक चक्र पूरा होगा। इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

कुक्कुटासन को करने के फायदे

छाती के लिए लाभकारी: इस आसन को करने से छाती मजबूत बनती है|
भूख को बढ़ाने में सहायक: इसे नियमित रूप से करने से भूख-प्यास ना लगने की समस्या दूर होती है।
पेट के रोग के लिए असरदार: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट के सभी रोग ख़त्म हो जाते हैं। पेट के रोग जैसे अल्सर, एसिडिटी और जी मिचलाना जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
पेट की चर्बी कम करने में फायदेमंद: इस आसान को रोज करने से यह पेट की चर्बी को कम करता है। यह शरीर के प्रत्येक जगह से चर्बी को कम कर देता है।
पाचन क्रिया सही रखने में मत्वपूर्ण: कुक्कुटासन आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने में सहायता करता है। यदि पाचन क्रिया ठीक रहेगी तो आप पेट संबंधी रोगो से दूर रहेंगे। क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही पैदा होती हैं|

इसमें बरती जाने वाली सावधानिया:-

  1. सुनिश्चित करें कि आपके भोजन और अभ्यास के बीच कम से कम चार घंटे का अंतराल है।
  2. यह योग आसन सुबह करने के लिए आदर्श हैं। लेकिन यदि आप सुबह योग का अभ्यास नहीं कर सकते तो शाम भी एक अच्छा समय है।

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